
नई दिल्ली। फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाला इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp का इस्तेमाल करने वाले एंड्रायड यूजर्स के लिए एक अच्छी खबर है. पता चला है कि WhatsApp अपनी Chats के डिजाइन को एंड्रायड यूजर्स के लिए थोड़ा बदलने जा रहा है. WhatsApp पर होने वाले नए अपडेट्स पर नजर रखने वाले WABetaInfo ने इसकी जानकारी दी है. उनका दावा है कि WhatsApp अपने चैट की डिजाइन को बदलने पर रोल आउट कर रहा है जो कि एंड्रायड के बीटा वर्जन पर टेस्टिंग चल रही है.
आखिरकार इस बदलाव के बाद के बाद WhatsApp Chats कैसे नजर आने वाली है, इस पर वे कहते हैं कि WhatsApp अपनी Chats लिस्ट में चैट सेल के बीच लाइन सेपरेटर को हटा रहा है. यह पहला पेज है जो यूजर्स के ऐप्स पर दिखाई देता है जो उनके कॉन्टेक्ट्स और ग्रुप्स के साथ उनकी नवीनतम चैट दिखाता है.
जल्द ही एंड यूजर्स के लिए भी रोल आउट किया जाएगा
WABetaInfo की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह WhatsApp ऐप का डिजाइन पूरी तरह से नहीं बदलेगा वेबसाइट इसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक छोटा यूआई बदलाव बता रही है क्योंकि मैसेजिंग ऐप पर सेपरेटर लाइनों को हटाना ही एकमात्र बदलाव है. WhatsApp इस बदलाव को अधिक बीटा यूजर्स के लिए रोल आउट कर रहा है और यह अन्य यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा जो एंड्राइड पर WhatsApp का यूज कर रहे हैं.
WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार एंड्रायड बीटा में फीचर को पहले ही इनेबल कर दिया गया है और उम्मीद है कि इसे जल्द ही एंड यूजर्स के लिए भी रोल आउट किया जाएगा.
लॉग इन के लिए Flesh Call का इस्तेमाल
हाल ही में खबर आई थी कि WhatsApp अपने लॉग इन ओटीपी सिस्टम को भी जल्द ही बदलने जा रहा है. नए बदलाव में यह और ज्यादा सुरक्षित होगा वहीं WhatsApp का मौजूदा लॉग इन ओटीपी मैसेज अतीत की बात हो जाएगी या कहें ऑप्शनल होगा. WABetaInfo की ताजा रिपोर्ट तो यही कहती है जिसके अनुसार WhatsApp एक फ्लैश कॉल (Flesh Call) नाम से फीचर की टेस्टिंग कर रहा है जिसका उद्देश्य यूजर्स के WhatsApp लॉगिन की मौजूदा ऑथेंटिसी को बदलना है जिसमें वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इस्तेमाल होता है. फ्लैश कॉल में यह जरूरी होगा कि यूजर अपना WhatsApp एक्सेस दे उनके फोन डायलर से और कॉल लिस्ट में भी. हालांकि यह सुविधा वैकल्पिक होगी, लेकिन यह देखते हुए कि WhatsApp लॉगिन फ्लैश कॉल को अधिक सुरक्षित विकल्प के रूप में माना जा सकता है. लेकिन जैसा कि कहा गया सिर्फ कुछ यूजर्स ही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे और वो यूजर्स है एंड्रायड के. आईओएस यूजर्स फिलहाल इस ज्यादा सुरक्षित लॉग इन फीचर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.